Itna bata do kaisey sabit karun ki tum yaad aate ho.
Shayari tum samajhte nahin aur adayen hamen aati nahin.
Ye matlab ki duniya hai yahan sunta nahin fariyaad koi.
Haste hain tab log jab hota hai barbaad koi.
हमने चेहरे पर मुस्कराहट रखकर.
आईने को अक्सर गुमराह रखा.
लाख तुझसे है अख्तिलाफ मगर.
दिल तेरा एहतेराम करता है.
मेरी ग़ुरबत को देखकर रास्ता न बदल.
मैं दिल का बादशाह हूँ मुक़द्दर तो खुदा लिखता है.
देख ली तेरी ईमानदारी ए दिल.
तू मेरा और तुझे फ़िक्र किसी और की.