तुम मेरी आखिरी हद हो, उससे आगे सोच जाती ही नहीं।
उम्र चाहे कितनी भी हो, सुना है दिल पर झुर्रियां नहीं पड़ती।
वक्त बुरा नही होता, बस लोग बुरे मिल जाते है।
आज मेरी माँ ने बताया मुझे, बचपन मे कभी मै भी हँसता था।
तुम मेरी आखिरी हद हो, उससे आगे सोच जाती ही नहीं।
उम्र चाहे कितनी भी हो, सुना है दिल पर झुर्रियां नहीं पड़ती।
वक्त बुरा नही होता, बस लोग बुरे मिल जाते है।
आज मेरी माँ ने बताया मुझे, बचपन मे कभी मै भी हँसता था।