कश्ती मेरी सैलाब में
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है। Jab bhi kashti meri sailaab me aa jaati hai,Maa duaa karti hui khwaab Read more
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है। Jab bhi kashti meri sailaab me aa jaati hai,Maa duaa karti hui khwaab Read more
खामोशियों को तोड़ तो सही,जो दिल में है बोल तो सही जख्मों को यूं तुम छुपाओ ना,दिल के कुछ राज दिखाओ नादेंगे साथ तेरा, कुछ न कुछ दवा करेंगे ,रब से Read more