काश कहीं ऐसा होता वो लौट आते, और हमसे कहते तुम होते कौन हो हमें छोड़ने वाले।
इंसान की ख़ामोशी ही काफी है, ये बताने के लिए कि वो अंदर से टूट चूका है।
सुन वे बहार से जरूर मैं खामोश दिखता हु, पर मेरे अंदर के तूफ़ान से तू अभी वाकिफ नहीं है।
एक दोस्त ने दूसरे दोस्त से पूछा, कि दोस्ती का क्या मतलब है, तो दूसरे दोस्त ने मुस्कुरा के कहा, अरे यार ! एक दोस्ती ही तो है जिसका कोई मतलब नही होता, और जहां मतलब होता है वहां दोस्ती नही होती।