हो सके तो दिलों में रहना सीखो,
गुरूर में तो हर कोई रहता है।
अपनी जेब का गुरूर अपने सर पर मत चढ़ने देना,
वरना तक़दीर वक़्त नहीं लगाती ज़मीन की धुल चाटने में।
गुरुर में आ के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है,
माफ़ी माँग के वही रिश्ता निभाया जाए।
कहीं का ग़ुस्सा कहीं की घुटन उतारते है,
ग़ुरूर ये कि हम काग़ज़ पे फ़न उतारते है।