ले-दे कर वही है इस शहर में अपना,
दुनिया कहीं उसको भी समझदार न कर दे।
तुम्हें मालूम है कि तुम वो दुआ हो हमारी,
जिसको उम्र भर के लिए माँगा है हमने।
ख्वाहिश तो थी मिलने की
पर कभी कोशिश नहीं की,
सोचा जब खुदा माना है उसको
तो बिन देखे ही पूजेंगे।
ले-दे कर वही है इस शहर में अपना,
दुनिया कहीं उसको भी समझदार न कर दे।
तुम्हें मालूम है कि तुम वो दुआ हो हमारी,
जिसको उम्र भर के लिए माँगा है हमने।
ख्वाहिश तो थी मिलने की
पर कभी कोशिश नहीं की,
सोचा जब खुदा माना है उसको
तो बिन देखे ही पूजेंगे।