
Galatfehmi Shayari – ग़लतफहमी शायरी
गुरूर किस बात का साहब,आज मिट्टी के ऊपर,कल मिट्टी के नीचे…. न वो मिलता है न मैं रूकती हूँपता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल.. शीशे ओर दिल में सिर्फ़ एक ही फ़र्क होता है.वैसे तो दोनो नाज़ुक ही Read more
गुरूर किस बात का साहब,आज मिट्टी के ऊपर,कल मिट्टी के नीचे…. न वो मिलता है न मैं रूकती हूँपता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल.. शीशे ओर दिल में सिर्फ़ एक ही फ़र्क होता है.वैसे तो दोनो नाज़ुक ही Read more