
Humsafar Shayari in Hindi – हमसफ़र शायरी इन हिंदी
बिना हमसफर के कब तलक, कोई मसाफ़तों में लगा रहे, जहाँ कोई किसी से जुदा न हो, मुझे उस राह की तलाश है। सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर, की तेरी साँसे चलती जिधर,रहूँगा बस वही Read more
बिना हमसफर के कब तलक, कोई मसाफ़तों में लगा रहे, जहाँ कोई किसी से जुदा न हो, मुझे उस राह की तलाश है। सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर, की तेरी साँसे चलती जिधर,रहूँगा बस वही Read more