मेरी मुफलिसी से बचकर कहीं और जाने वाले,
ये सुकून न मिल सकेगा तुझे रेशमी कफन में।
जो मौत से न डरता था, बच्चों से डर गया,
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया।
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है,
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है।
मेरी मुफलिसी से बचकर कहीं और जाने वाले,
ये सुकून न मिल सकेगा तुझे रेशमी कफन में।
जो मौत से न डरता था, बच्चों से डर गया,
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया।
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है,
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है।