रात को किताब मेरी मुझे देखती रही, नींद मुझे अपनी ओर खींचती रही, नींद का झोंका मेरा मन मोह गया, और फिर एक जीनियस बिना पढ़े सो गया। रहता है इबादत में हमें मौत का खटका, हम याद ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद। काश हमारा भी कोई रश्के-क़मर होता, हम भी नजर […]More Shayari