मैंने पूछा उनसे, भुला दिया मुझको कैसे?
चुटकियाँ बजा के वो बोले… ऐसे, ऐसे, ऐसे।
दुश्मनों की अब किसे जरूरत है,
अपने ही काफी है दर्द देने के लिए।
ये दिल अब किसी का ऐतबार नहीं करता,
करता है नफ़रतें मगर प्यार नहीं करता।
वफ़ा सबको मिली दुनिया में हमारे सिवा,
हमें जब भी प्यार हुआ बेकदरों से हुआ।