गुरूर किस बात का साहब,आज मिट्टी के ऊपर,कल मिट्टी के नीचे…. न वो मिलता है न मैं रूकती हूँपता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल.. शीशे ओर दिल में सिर्फ़ एक ही फ़र्क होता है.वैसे तो दोनो नाज़ुक ही होते हैं,मगर..शीशा ग़लत से टूटता है ओर दिल ग़लत फहमी से.. जो भी है […]More Shayari
मुझे घमंड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया में, वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई। बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये, खुद का पैसा कमा घमंड भी कुछ सीखा देगा। मै जानता था, तुझे दौलत का घमंड जरूर होगा, पर ध्यान रखना एक दिन तुझे, वक़्त के […]More Shayari
हो सके तो दिलों में रहना सीखो, गुरूर में तो हर कोई रहता है। अपनी जेब का गुरूर अपने सर पर मत चढ़ने देना, वरना तक़दीर वक़्त नहीं लगाती ज़मीन की धुल चाटने में। गुरुर में आ के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है, माफ़ी माँग के वही रिश्ता निभाया जाए। कहीं का ग़ुस्सा […]More Shayari
कितनी खूबसूरत होती है जिंदगी, जब इश्क और मोहब्बत एक ही इंसान में मिल जाए। यादों से जिंदगी खुबसूरत रहेगी, निगाहों में हर पल ये सूरत रहेगी, कोई ना ले सकेगा कभी आपकी जगह, इस दोस्त को हमेशा आपकी जरूरत रहेगी। काश मेरी जिंदगी में भी वो खूबसूरत पल आ जाये, की मेरी […]More Shayari
हमेशा चिंता में आप हमारे रहते, कुछ भी बोले आपसे, पर आप कुछ ना कहते, देते है अपने Students को एकदम निखार, उन अध्यापकों को हमारा शत-शत नमस्कार। ले गए आप इस स्कूल को उस मुकाम पर, गर्व से उठते है हमारे सर , हम रहे ना रहे कल, याद आएंगे आपके साथ बिताये हुए […]More Shayari
चुपके से आती हूं लेकिन जब जाती हूं, तो अच्छे अच्छों को दिमाग खराब कर देती हूं। सुन छोरे, सुधरी तो सिर्फ हमारी आदते है, शौक तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे है। Status तो सब डालते है, लेकिन जब मैं Status डालती हूं तो सौ बार देखते है। मैं थोड़ी मूडी हूँ, और […]More Shayari
चलता रहूँगा पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊँगा, या तो मंजिल मिल जायेगी, या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा। साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन, तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है, कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन, उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और […]More Shayari
तुम क्या समझोगी कितनी सिद्दत से मैंने मोहब्बत की, इग्नोर करके जिंदगी भर के लिए गम की सजा दी। दिल ही दिल में आज भी वो मुझे प्यार करता है, गैरों के कहने पर वो मुझे इग्नोर करता है। ना जाने क्यों वो अब हमें इतना इग्नोर करने लगे हैं, लगता हैं शायद वो अब […]More Shayari
बहुत गुस्सा होता है कभी कभी तुम पर, गुस्सा निकालना भी दिल चाहता है, लेकिन जब आपकी आवाज सुन लेता हूँ, तो गुस्से की जगह प्यार आ जाता है। जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है। क्रोध में भी शब्दों का चुनाव कैसा […]More Shayari
बिना हमसफर के कब तलक, कोई मसाफ़तों में लगा रहे, जहाँ कोई किसी से जुदा न हो, मुझे उस राह की तलाश है। सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर, की तेरी साँसे चलती जिधर,रहूँगा बस वही उम्र भर। मेरे रास्ते मेरी मंजिलें, मेरे हमसफ़र मेरे हमनशीं, मुझे लूट कर सभी […]More Shayari