देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से, मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है। रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो, बस यही सोच कर तुम को खफा रखा है। खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो, दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो, देर हो […]More Shayari
देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से, मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है। रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो, बस यही सोच कर तुम को खफा रखा है। खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो, दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो, देर हो […]More Shayari